ईरान ने भारत को चाबहार रेल परियोजना (Chabahar Rail Project) से बाहर कर दिया है। अफगानिस्तान की सीमा के साथ, ईरानी सरकार ने धन के मामले में भारतीय पक्ष से देरी का हवाला देते हुए, अपने दम पर निर्माण को आगे बढ़ाने का फैसला किया है।
चाबहार रेल परियोजना क्या है?
मई 2016 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की तेहरान यात्रा के दौरान ईरान के राष्ट्रपति रूहानी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति गनी के साथ चाबहार समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए, इरकॉन(IRCON) ने ईरानी रेल मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।
समझौता ज्ञापन में चाबहार-ज़ाहेदान रेलवे का निर्माण “भारत और ईरान के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते में पारगमन और परिवहन गलियारे का हिस्सा” के रूप में किया गया था। इरकॉन ने परियोजना के लिए सभी सेवाओं, अधिरचना कार्य और वित्तपोषण प्रदान करने का वादा किया था।
628 किमी चाबहार-ज़ाहेदान लाइन के लिए ट्रैक बिछाने की प्रक्रिया, जिसे अफगानिस्तान में सीमा पार ज़ारंज तक विस्तारित किया जाएगा। एवं यह प्रोजेक्ट मार्च 2022 तक पूरा करने का अनुमान था।
याद रखने योग्य महत्वपूर्ण नोट्स, अन्य लेटेस्ट करंट अफेयर्स, या किस तरह के प्रश्न बन सकते है?
इस लेख में बात की गई है ईरान, अफगानिस्तान एवं भारत की तो –
ईरान देश के बारे में –
ईरान एक मध्य पूर्व में देश है जिसकी राजधानी तेहरान है। यहाँ राष्ट्रपति का नाम हस्सान रूहानी (Hassan Rouhani) है। ईरान में प्रधानमंत्री काे पद को 14 अगस्त 1989 को समाप्त कर दिया गया।
अफगानिस्तान देश के बारे में –
अफगानिस्तान दक्षिण एशिया का देश है जिसकी राजधानी काबुल है। यहाँ की मुद्रा अफ़ग़ान अफगानी है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति का नाम अशरफ गनी (Ashraf Ghani) है।
भारत के बारे में –
भारत, दक्षिण एशिया में एक देश है। जिसके राष्ट्रपति का नाम राम नाथ कोविंद एवं प्रधानमंत्री का नाम नरेंद्र मोदी है। भारत की मुद्रा भारतीय रुपया ₹ जिसे हम इंग्लिश में INR से भी बताते है। भारत की राजधानी है नई दिल्ली है।
Leave a Reply