चलिए जानते हैं Thiruvalluvar Day के बारे में, जानेंगे की Thiruvalluvar Day कब मनाया जाता है एवं थिरूवल्लुवर दिवस क्यों मनाया जाता है?
थिरूवल्लुवर दिवस (திருவள்ளுவர் நாள்), तमिल नाडु में हर वर्ष पोंगल समारोह के चौथा दिन जनबरी माह में मनाया जाता है साथ ही यह दिवस पुड्डुचेर्री में भी मनाया जाता है। इस दिवस पर परिवार में छोटे लोग अपने बड़ों का आदर एवं सम्मान करते हैं एवं बड़े अपने से छोटे लोगों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
थिरूवल्लुवर दिवस कैसे मनाया जाता है?
इस त्यौहार पर कई जगह रक्षा बंधन जैसा भी त्यौहार होता है जहाँ बहनें अपने भाइयों की लम्बी आयु की प्रार्थना करती हैं। इस दिन को साहित्यिक क्षेत्र में थिरूवल्लुवर के योगदान के लिए सम्मान के रूप में देखा जाता है और पाठकों को इसकी शिक्षाओं के लिए सम्मानित किया जाता है। कई जगह इस दिन पक्षियों को खिलाने के लिए महिलाएं केले के पत्तों या हल्दी के पौधों पर भोजन रखती हैं। पक्षियों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न रंगों में भोजन की परोसा जाता है।
Thiruvalluvar Day की शुरआत कैसे हुई?
Thiruvalluvar Day की शुरआत 17/18 मई, 1935 को हुई। थिरूवल्लुवर दक्षिण भारत के एक महान कवि एवं दार्शनिक थे। ये Tirukkuṟaḷ नामक ग्रन्थ के रचयिता हैं। यह ग्रन्थ तमिल भाषा में, 3 किताबों में लिखी गई है। यह ग्रन्थ नैतिकता, राजनीतिक और आर्थिक मामलों और प्रेम पर दोहों का एक संग्रह है। इस ग्रन्थ में 1330 दोहे हैं एवं सभी दोहों में 7 शब्द हैं। तमिल नाडु सरकार इस दिन आधिकारिक छुट्टी प्रदान करती है।
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